फोटोसेल---
फ़ोटो सेल (प्रकाश सेल) प्रकाश-विद्युत प्रभाव का एक शिल्प प्रौद्योगिकीय अनुप्रयोग है। यह एक ऐसी युक्ति है जो प्रकाश-ऊर्जा को विद्युत-ऊर्जा में बदल देती है। इसे कभी-कभी विद्युत नेत्र भी कहते हैं।
एक फोटो सेल में एक अर्ध-बेलनाकार प्रकाश-संवेदी धातु पट्टिका C (उत्सर्जक) होती है और एक तार का पाश (लूप) A (संग्राहक) एक निर्वातित काँच या क्वार्टज बल्ब में लगे होते हैं। इस चित्र में दर्शाए अनुसार किसी बाह्य परिपथ में एक उच्च-विभव बैटरी B तथा माइक्रोऐमीटर (μA) के साथ संयोजित किया जाता है, कभी-कभी पट्टिका C के स्थान पर, प्रकाश-संवेदी पदार्थ (c) की एक पतली परत बल्ब की भीतरी सतह पर चिपका दी जाती है। बल्ब के एक भाग को साफ़ छोड़ दिया जाता है जिससे कि प्रकाश इसमें प्रवेश कर सके।
जब उपयुक्त तरंगदैर्ध्य का प्रकाश उत्सर्जक C पर पड़ता है तो इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होते हैं। ये प्रकाशीय इलेक्ट्रॉन संग्राहक पर आकर्षित जाते हैं। किसी प्रकाश सेल से कुछ माइक्रोऐम्पियर पर की कोटि की प्रकाशिक धारा प्राप्त की जाती है।
जब उपयुक्त तरंगदैर्घ्य का प्रकाश उत्सर्जक C पर पड़ता है तो इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होते हैं। ये प्रकाशीय इलेक्ट्रॉन संग्राहक पर आकर्षित हो जाते है। किसी प्रकाश सेल से कुछ माइक्रो एम्पियर की कोटि की प्रकाशिक धारा प्राप्त की जाती है।
एक प्रकाश सेल प्रदीप्त-तीव्रता में परिवर्तन कर प्रकाशिक धारा में परिवर्तन कर सकता है। यह धारा नियंत्रण तंत्र के चालन और प्रकाश मापन युक्तियों में उपयोग में लाई जा सकती है। अवरक्त विकिरण के लिए संवेदी लेड सल्फाइड के प्रकाश सेलों का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक प्रज्वलन परिपथों में किया जाता है।
वैज्ञानिक कार्यों में, प्रकाश की तीव्रता को मापने के सभी अनुप्रयोगों में प्रकाश सेलों का उपयोग किया जाता है। फोटोग्राफी कैमरों में प्रकाश मापन प्रकाश सेल का उपयोग आपतित प्रकाश की तीव्रता मापने में करते हैं। स्वचालित द्वार नियंत्रक में प्रकाश सेल का प्रयोग द्वार-प्रकाश विद्युत परिपथ में होता है। द्वार की ओर बढ़ते हुए व्यक्ति द्वारा प्रकाश सेल पर पड़ने वाले प्रकाश पुंज बाधित हो सकते हैं। प्रकाशिक धारा में अचानक होने वाले बदलाव का उपयोग द्वार खोलने के लिए मोटर को प्रारंभ करने में या अलार्म बजाने में किया जा सकता है।
इनका उपयोग उस गणना युक्ति के नियंत्रण में भी किया जाता है जो प्रकाश किरण-पुंज की प्रत्येक रुकावट, जो किरण-पुंज के पार किसी व्यक्ति अथवा वस्तु के जाने के कारण उत्पन्न होती है, को अंकित करता है। इसलिए, प्रकाश सेल किसी प्रेक्षागृह में प्रवेश करने वाले व्यक्तियों की गणना करने में सहायता करता है यदि वे विशाल कक्ष में एक एक करके प्रवेश करते हों।
इनका उपयोग यातायात नियम तोड़ने वालों की पहचान के लिए किया जाता है। जब भी विकिरण के एक किरण-पुंज को अवरोधित किया जाता है तो एक एलार्म बजाया जा सकता है। चोर एलार्म में, पराबैंगनी प्रकाश (अदृश्य) को संतत प्रवेश-द्वार पर स्थापित प्रकाश सेल पर डाला जाता है। कोई व्यक्ति जो द्वार में प्रवेश करता है वह प्रकाश सेल पर पड़ने वाले किरण-पुंज को अवरोधित करता है प्रकाशक विद्युत-धारा में आकस्मिक परिवर्तन का उपयोग एक विद्युत घंटी के बजने से प्रारंभ किया जाता है। अग्नि-एलार्म में, भवन में उपयुक्त स्थानों पर कई प्रकाश सेल स्थापित कर दिए जाते हैं। आग लगने पर प्रकाश विकिरण प्रकाश सेल पर पड़ते हैं। इससे एक विद्युत घंटी अथवा एक भोंपू से होकर जाने वाला परिपथ पूर्ण हो जाता है और एक चेतावनी संकेत के रूप में कार्य प्रारंभ कर देता है।
प्रकाश सेलों का उपयोग चल चित्रण में ध्वनि के पुनरुत्पादन तथा टेलीविजन कैमरे में दृश्य के क्रमवीक्षण (scanning तथा टेलिविजन प्रसारण telecasting) में किया जाता है। इनका प्रयोग उद्योगों में धातु की चादरों में छोटी त्रुटियों तथा छिद्रों को खोजने में भी किया जाता है।