Thursday, September 3, 2020

भौतिक राशियों की विमायें | Dimensions of physical quantities in hindi

भौतिक राशियों की विमायें


किसी भौतिक राशि की विमायें वे घात होती है जिन्हे उस राशि के मात्रक को व्यक्त करने के लिए मूल मात्रकों पर चढ़ाते हैं। 
यांत्रिक तथा उष्मगतिकी में आने वाले भौतिक राशियों की विमाये लिखने के लिए लंबाई, समय, द्रव्यमान, तथा ताप के लिए मूल मात्रकों को क्रमशः L, T, M, तथा θ से प्रदर्शित करते हैं।
यदि किसी भौतिक राशि की विमाये लंबाई में a, द्रव्यमान में b, समय में c, तथा ताप में d हो तो, उस राशि की विमाये निम्न रूप से लिखेंगे [LᵃMᵇTᶜθᵈ]

कुछ भौतिक राशियों के विमीय सूत्र

मूल राशिया__मूल मात्रक__विमीय सूत्र

क्षेत्रफल____ल.×चौ.____[L×L]=[L²]
आयतन___ल.×चौ.×ऊं___[L³]
वेग____वि./समय_____[L/T]=[LT⁻¹]
त्वरत___वेग/समय___[LT⁻¹/T]=[LT⁻²]
बल___द्रव्यमान×त्वरत__[MLT⁻²]
विकृति=लंबाई में वृद्धि/प्रारंभिक लंबाई=[L/L]=[L⁰]
अर्थात विकृति में कोई भी विमा नहीं होती है।
प्लांक नियतांक=[ML²T⁻¹]
कोणिय वेग, आवृति, वेग प्रवणता=[T⁻¹]
श्यानता गुणांक=[ML⁻¹T⁻¹]

निम्न भौतिक राशियों की विमाये एक ही होती हैं


1.कार्य, गतिज ऊर्जा, स्थितिज ऊर्जा, बल आघूर्ण 
=बल×विस्थापन
=द्रव्यमान×त्वरत×विस्थापन
=[MLT⁻²L]
=[ML²T⁻²]

2.संवेग, आवेग
=द्रव्यमान×वेग
=[MLT⁻¹]

3.यंग प्रत्यास्थ गुणांक, प्रत्यास्थ गुणांक, आयतन प्रत्यास्थ गुणांक, प्रतिबल
=बल/क्षेत्रफल
=[MLT⁻²/L²]
=[ML⁻¹T⁻²]

4.पृष्ठ तनाव तथा स्प्रिंग के बल का नियतांक
=बल/लंबाई
=[MLT⁻²/L]
=[MT⁻²]

5.गुरुत्व विभव, गुप्त ऊष्मा
=[L²T⁻²]

विमाओं का उपयोग


1.गति के समीकरण का विमीय संतुलन परीक्षण

गति का समीकरण
(a).v=u+at का परीक्षण
L.H.S की विमा
v=[LT⁻¹]
R.H.S की विमा
u+at=[LT⁻¹]+[LT⁻²]T
u+at=[LT⁻¹]+[LT⁻¹]
u+at=[LT⁻¹]
अतः v=u+at विमीय विधि से संतुलित है।

(b).v²=u²+2as का परीक्षण
L.H.S की विमा
v2=[LT⁻¹]²
v2=[L²T⁻²]
R.H.S की विमा
u2+2as=[L²T⁻²]+[LT⁻²]L
u2+2as=[L²T⁻²]+[L²T⁻²]
u2+2as=[L²T⁻²]
अतः v²=u²+2as विमीय विधि से संतुलित है।

(c).S=ut+1/2at² का परीक्षण L.H.S की विमा
S=[L]
R.H.S की विमा
ut+1/2at²=[LT⁻¹]T+[LT⁻²][T²]
ut+1/2at²=[LT⁰]+[LT⁰] 
ut+1/2at²=[L]+[L]
ut+1/2at²=[L]
अतः S=ut+1/2at² विमीय विधि से संतुलित है।

2.विभिन्न भौतिक राशियों में संबंध स्थापित करना

Question-किसी वस्तु पर लगने वाला बल F के द्रव्यमान m तथा त्वरण a पर निर्भर करता है, तो विमीय विधि से सिद्ध कीजिए की F=m.a
Solution-चूंकि बल F के द्रव्यमान m तथा त्वरण a पर निर्भर करता है।
अतः,
F∝mᵇaᶜ
F=Kmᵇaᶜ____(1)
जहां K समानुपाती नियतांक है
L.H.S की विमा=[MLT⁻²]
R.H.S की विमा=[Mᵇ][LᶜT⁻²ᶜ]
M,L,T के घातों की तुलना करने पर,
b=1
-2C=-2
C=1
b तथा c का मान समीकरण (1) में रखने पर
F=Km¹a¹
K=1
F=m.a

Question-सरल आवर्त गति से दोलन करने वाली पिंड की ऊर्जा E उसके द्रव्यमान m आवृत्ति n तथा दोलन आयाम a पर निर्भर करता है। विमीय विश्लेषण से सिद्ध कीजिए की,
E=mn²a².
Solution-माना पिंड की गतिज ऊर्जा m के घात b, n के घात c, तथा a के घात d पर निर्भर करता है।
E∝mᵇnᶜaᵈ
E=Kmᵇnᶜaᵈ______(1)
L.H.S की विमा,
[ML²T⁻²]
R.H.S की विमा,
[Mᵇ][T⁻ᶜ][Lᵈ]
M,T,L की घातों की तुलना करने पर,
b=1
d=2
-c=-2
c=2 
मान समीकरण एक में रखने पर, 
E=Km¹n²a² 
K=1
E=mn²a²

3.एक पद्धति के मात्रकों को दूसरी पद्धति के मात्रकों में बदलना

किसी भौतिक राशि के आंकिक मान तथा संगत मात्रक का गुणनफल एक नियतांक होता है।

उदाहरण-
(a).यदि किसी भौतिक राशि के आंकिक मान दो भिन्न पद्धतियों में n₁ व n₂ हो तथा उसके मात्रक क्रमशः u₁ व u₂ हो तो,
K=n₁u₁=n₂u₂
बल K=F,
F=1Newton=10⁵ Dyne
K=n₁u₁=n₂u₂
Where,
1Newton=n₁u₁
10⁵ dyne=n₂u₂

(b).यदि भौतिक राशि की विमायें द्रव्यमान में a, लम्बाई में b, तथा समय में c हो तो उस राशि का विमीय सूत्र,
K=n₁[M₁ᵃL₁ᵇT₁ᶜ]______(1)
इसी प्रकार दूसरे पद्धति में,
K=n₂[M₂ᵃL₂ᵇT₂ᶜ]______(2)
समीकरण (1) व (2) से,
n₁[M₁ᵃL₁ᵇT₁ᶜ]=n₂[M₂ᵃL₂ᵇT₂ᶜ]
n₁=n₂[M₁/M₂]ᵃ[L₁/L₂]ᵇ[T₁/T₂]ᶜ
Or,
n₂=n₁[M₂/M₁]ᵃ[L₂/L₁]ᵇ[T₂/T₁]ᶜ

Question-1Newton को Dyne में बदलिए।
Solution-1Newton(n₁)=Dyne(n₂)
बल की विमा,
F=[MLT⁻²]
n₂=n₁[M₂/M₁]ᵃ[L₂/L₁]ᵇ[T₂/T₁]ᶜ
n₂=n₁[M₂/M₁]¹[L₂/L₁]¹[T₂/T₁]⁻²
n₂=1[किग्रा/ग्राम]¹[मीटर/समी]¹[सेकंड/सेकंड]⁻²
n₂=[1000ग्राम/ग्राम][100ग्राम/ग्राम][1/1]⁻²
n₂=[1000ग्राम/ग्राम][100ग्राम/ग्राम]
n₂=10⁵ Dyne
1 Newton=10⁵Dyne
Question-1Joule को Arg में बदलिए।
Solution-1Joule(n₁)=Arg(n₂)
n₂=n₁[M₂/M₁]ᵃ[L₂/L₁]ᵇ[T₂/T₁]ᶜ
ऊर्जा की विमा(dimension of energy)
E=[ML²T⁻²]
n₂=1[किग्रा/ग्राम]¹[मीटर/समी]²[सेकंड/सेकंड]⁻²
n₂=[1000ग्राम/ग्राम][100ग्राम/ग्राम]²[1/1]⁻²
n₂=[1000ग्राम/ग्राम][10000ग्राम/ग्राम]
n₂=10⁷ arg
1Joule=10⁷arg

4.सरल लोलक के दोलनकाल का उदाहरण

माना दोलनकाल निम्न राशियों पर निर्भर कर सकता है।
लोलक का द्रव्यमान m,धागे की लंबाई l तथा गुरूत्वीय त्वरण g पर,
माना इसके घात क्रमशः a, b तथा c हो तो,
T∝mᵃlᵇgᶜ
T=Kmᵃlᵇgᶜ____(1)
L.H.S की विमा,
[T]=[M⁰L⁰T]
R.H.S की विमा,
[M]ᵃ[L]ᵇ[LT⁻²]ᶜ
[MᵃLᵇLᶜT⁻²ᶜ]
[MᵃLᵇ⁺ᶜT⁻²ᶜ]
घातों की तुलना करने पर,
a=0
b+c=0____(2)
-2c=1
c=-1/2
c का मान समीकरण (2) में रखने पर,
b+c=0
b-1/2=0
b=1/2
उपरोक्त मान समीकरण (1) में रखने पर,
T=Km⁰√(l)√(1/g)
T=K√(l)√(1/g)
T=K√(l/g)____(3)
T∝√(l/g)

Note-
विमीय समीकरण से K का मान पता नहीं लगाया जा सकता है।
इसलिए
K=2π प्रयोग द्वारा मान लेते हैं।
तब,
समीकरण (3) से,
T=2π√(l/g)